कुशीनगर से पीके विश्वकर्मा की रिपोर्ट..
कानून जहां आमजन को न्याय दिलाने का माध्यम होता है, वहीं नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में अब इसका दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है। खासकर छेड़खानी जैसी गंभीर धाराओं को अब झूठे आरोपों में जोड़ा जाने लगा है। मामूली जमीनी विवाद हो या आपसी रंजिश, कई मामलों में शिकायतकर्ता छेड़खानी का आरोप जोड़कर उसे संगीन बना रहे हैं। इससे न केवल असली पीड़ितों का हक मारा जा रहा है, बल्कि निर्दोष लोगों की भी छवि धूमिल हो रही है।
थानाध्यक्ष दीपक सिंह ने इस प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया है कि अब बिना उचित जांच के किसी भी छेड़खानी से जुड़ी शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी। उनका कहना है, “छेड़खानी जैसी धाराएं बेहद संवेदनशील हैं, इनका झूठे मामलों में इस्तेमाल न केवल कानून का अपमान है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देता है।”
पुलिस ने इस दिशा में महिला पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने और प्रत्येक शिकायत को संवेदनशीलता से जाँचने के निर्देश दिए हैं। थानाध्यक्ष ने दो टूक कहा कि यदि कोई व्यक्ति झूठी तहरीर देता है, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस पहल को स्थानीय सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने भी सराहा है। उनका मानना है कि यह कदम न केवल न्याय प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों की रक्षा भी करेगा।
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी शिकायत में केवल सत्य और तथ्य ही सामने रखें। कानून का उपयोग करें, उसका दुरुपयोग नहीं। अब न्याय झूठ के सहारे नहीं, सच्चाई के साथ चलेगा।