रसूलाबाद-बिषधन रोड पर एक व्यवसायी द्वारा 50 वर्ष पुराने नाले और चकरोड पर दीवार बनाने से किसानों में आक्रोश है। यह नाला और चकरोड सैकड़ों किसानों के खेतों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता था।
किसानों ने एसडीएम रसूलाबाद सर्वेश सिंह को इस मामले में शिकायती पत्र सौंपा है। एसडीएम ने तुरंत क्षेत्रीय लेखपाल को मौके पर भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी है।
निराला नगर और आसपास के गांवों के किसानों का कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। वे इस रास्ते से अपने खेतों तक उर्वरक और बीज ले जाते हैं तथा फसल की उपज घर लाते हैं। राजस्व अभिलेखों में चक मार्ग तो दर्ज है, लेकिन नाला किसी कारण से दर्ज नहीं हो पाया।
हाल ही में कस्बे के एक प्रमुख व्यवसायी ने इस नाले और चक मार्ग पर दीवार बनाना शुरू कर दिया। पड़ोस के मुन्नू पाल 5×5 फीट का रास्ता देने को तैयार हैं, लेकिन व्यवसायी ने उस रास्ते को भी बंद कर दिया है।
किसानों में निराशा है क्योंकि अब उनके पास खेतों तक जाने का कोई सरकारी रास्ता नहीं बचा है। प्रभावित किसानों में नीरज मिश्रा, विवेक पाल, मुन्नू पाल, बउआ पाल, सुशील पाल, चंदू पाल, सनी दिवाकर, रमेश पाल और सुशील तिवारी शामिल हैं। सभी ने एसडीएम से न्याय की गुहार लगाई है।
इस पर एसडीएम ने तत्काल मौके पर पूर्व लेखपाल रावेंद्र कुमार एवं वर्तमान लेखपाल राधेश्याम को भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट मंगाई है